जौँहर करथस ओ तहू ह संझा-बिहनिया ।
अपन कनिहा ल मटका के।
घेरी बेरी तोर कजरेरी नैना ल
मोर नैन संग मिला के।
दिखथस तै ह टना-टन।
अउ मोरे तीर ले किंजरथस।
लगा के लाली लिपिस्टिक ।
होंठ म, धेरी-बेरी संवरथस।
पाये हस कुदाये बर इसकुटी ल।
अब्बड़ ओमा तै किंजरथस।
देख के मोर फटफटी ल,
आघु ले मोरेच मेर झपाथस।
जौँहर करथस तहू ह ओ,
जब अपन कनिहा ल मटकाथस।
अनिल कुमार पाली
तारबाहर बिलासपुर
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